नीहा एक बड़ी कंपनी में काम करती थी। हर दिन भागदौड़, मीटिंग्स, और तनाव से उसकी ज़िंदगी बिखरी हुई लगती थी। वो सोचती थी, “इतनी मेहनत के बाद भी मैं खुश क्यों नहीं हूँ?”

एक वीकेंड पर वह अपने गांव गई, जहाँ उसकी 80 साल की दादी अकेली रहती थीं। सुबह नीहा उठी तो देखा दादी बरामदे में बैठकर चाय पी रही थीं, चेहरे पर शांति और मुस्कान थी।
नीहा ने पूछा,
“दादी, आपको कोई टेंशन नहीं होती? आप इतनी खुश कैसे रहती हैं?”
दादी ने मुस्कुरा कर जवाब दिया:
“बेटा, मैंने ज़िंदगी भर यही सीखा है — जो है, उसमें संतोष रखो। हर सुबह सूरज उगता है, पक्षी गाते हैं, और एक कप चाय में सुकून छुपा होता है। खुश रहना कोई बड़ी बात नहीं, बस नजरिया बदलो।”
नीहा चुप रह गई। उस दिन पहली बार उसने चाय को सिर्फ पीने के लिए नहीं, जीने के लिए महसूस किया।
सीख:
सच यह है कि ज़िंदगी बदलने की ज़रूरत नहीं — नजरिया बदलो, तो हर सुबह सुकून देने लगेगी।



कहानी – खुशी का गुब्बारा
एक बार…
कहानी : दादी की चाय
नीहा एक…
कहानी 1: छोटी खुशियों का जादू
कहानी 1:…
खुश रहने के आसान तरीके – खुशियों पर शायरी
खुश रहने…
सपनों की दुनिया और लक्ष्य कैसे पाएं
कहानी: आसमान…
कहानी: छोटी कोशिशें बड़ी मंज़िलें
ज़िंदगी के…
Explore McLeod Ganj – The Heart of Tibetan Culture in Dharamshala
Nestled just…
Rajgarh – The Peach Bowl of Himachal Pradesh
Introduction Nestled…
🥒 Detox Kale & Quinoa Salad with Lemon-Garlic Dressing
✅ Vegan…
The Gift of Forgiveness
Letting go…
🥗 Classic American Garden Salad
✅ Vegan…
Mohan Shakti Heritage Park – Himachal’s Spiritual Marvel
Introduction Tucked…