कहानी 1: छोटी खुशियों का जादू

कहानी 1: छोटी खुशियों का जादू

रमेश हमेशा बड़ी खुशियों का इंतजार करता था — नई कार, बड़ा घर, बड़ी नौकरी। लेकिन जब तक ये सब नहीं मिला, वह कभी खुश नहीं था।

एक दिन उसकी नानी ने उसे एक छोटी सी बात समझाई, “रमेश, ज़िंदगी में खुशियाँ बड़ी चीज़ों में नहीं, बल्कि छोटी-छोटी बातों में छुपी होती हैं। एक प्याली चाय, एक अच्छी किताब, सुबह की ठंडी हवा — इन्हें महसूस करो।”

रमेश ने नानी की बात मानी और उसने रोज़ाना छोटी-छोटी खुशियों को महसूस करना शुरू किया। उसने पाया कि उसके मन की उदासी धीरे-धीरे दूर होने लगी, और एक नई खुशी ने उसकी ज़िंदगी को रंगीन कर दिया।

सिख: खुश रहना है तो बड़ी उपलब्धि का इंतजार मत करो, छोटी-छोटी खुशियों को अपनाओ।

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कहानी 2: धन्यवाद की ताकत

सीमा हर दिन तनाव में रहती थी। ऑफिस के काम, घर के झमेले, बच्चों की पढ़ाई — सब कुछ उसे थका देता था। वह सोचती थी कि खुश रहना बहुत मुश्किल है।

एक दिन उसकी दोस्त ने उसे सलाह दी कि हर रात सोने से पहले तीन चीज़ों के लिए धन्यवाद करो, जो उस दिन अच्छी लगीं। सीमा ने इसे अपनाया।

पहले दिन उसने सोचा कि ये तो कुछ खास नहीं होगा, लेकिन जैसे-जैसे दिन बीते, सीमा ने महसूस किया कि उसका मन हल्का होने लगा है और छोटी-छोटी खुशियाँ उसे ज़्यादा नजर आने लगीं।

सिख: हर दिन शुक्रगुज़ारी करने से मन में संतोष और खुशी बढ़ती है।

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